आज के दिन 28 दिसंबर14 पौष समय – छोटे साहिबज़ादे और माता गुजर कौर जी का अंतिम संस्कार

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सरहिंद के नवाब वजीर खान ने गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों और उनकी माता गुजरी जी को ठंडे बुर्ज में तीन दिन और दो रातों तक जमीन पर रखा था। उस समय यह बुर्ज सबसे ठंडा हुआ करता था, जिसमें रहना काफी मुश्किल था। वजीर खान ने साहिबजादों पर इस्लाम कबूल करने के लिए कई बार दबाव बनाया, लेकिन दोनों साहिबजादों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया। इस पर वजीर खान ने दोनों को दीवार में चिनवा कर शहीद कर दिया। शहीदी प्राप्त करने के बाद साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए दीवान टोडर मल ने जितनी जमीन चाहिए थी, उतनी जमीन पर सोने की मोहरें बिछाकर उसे खरीदा था। इसी जमीन पर साहिबजादों का अंतिम संस्कार किया गया। इस जगह गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप बनाया गया है।

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